बच्चों के जरिये वह बाइक उठवाते और बिहार में बेच देते
गाजीपुर। एक ऐसा बाइक लिफ्टर गैंग दिलदारनगर पुलिस के हाथ लगा जिसमें दो बच्चे भी सदस्य थे। यही बच्चे मौके से बाइक उड़ाते और गैंग के सरगना धनंजय कुशवाहा को सौंप देते। उसके बाद गैंग के दूसरे सदस्य उस बाइक को बिहार ले जाकर बेच देते। गैंग के सरगना सहित सभी सदस्य दिलदारनगर थाने के ही धनाढ़ी गांव के रहने वाले हैं। बच्चों सहित गैंग के चार सदस्य शुक्रवार की देर शाम अमौरा तिराहे से पकड़े गए। उनके कब्जे से चोरी की चार बाइक के अलावा मय कारतूस तमंचा भी बरामद हुआ। गैंग का सरगना धनंजय कुशवाहा पुलिस के हाथ नहीं लगा है।
एसएचओ दिलदारनगर जयश्याम शुक्ल ने बताया कि गैंग का कार्य क्षेत्र भी दिलदारनगर बाजार सहित आसपास के गांव थे। गैंग के व्यस्क सदस्य पहले घुम कर सहजता से उठाई जाने वाली बाइक चिन्हित करते। उसके बाद गैंग के दोनों बच्चों को दूर से वह बाइक दिखा देते। दोनों बच्चे मौके पर पहुंच कर बाइक लेकर चलते बनते। इस काम के एवज में गैंग का सरगना उन दोनों बच्चों को कुछ नकदी अथवा नए कपड़े-जूते वगैरह उपहार में देता। बच्चों के इस्तेमाल के पीछे उनकी गरज यही रहती कि एक तो मौके पर वह शक के दायरे में नहीं आते। दूसरे पकड़े जाने पर लोग उनकी मासूमियत देख उन्हें छोड़ भी देते। यह बच्चे अपने काम में एकदम माहिर हो गए थे। गैंग ज्यादातर उन्हीं बाइकों को निशाना बनाता था, जो पुरानी होती थीं अथवा लॉक नहीं रहती थीं। फिर जिनके लॉक पहले से ही टूटे रहते थे।
पुलिस के हाथ लगे बच्चों समेत गैंग के अन्य सदस्यों में राहुल यादव तथा सोनू सिंह है। एसएचओ दिलदारनगर ने बताया कि उन दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया, जबकि दोनों बाल अपराधियों को बाल सुधार गृह पहुंचाया गया। तमंचा गैंग के सदस्य राहुल यादव के पास से मिला था। एसएचओ ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि धनाढ़ी गांव से चोरी की बाइक लेकर कुछ लोग उन्हें बेचने के लिए बिहार जाने वाले हैं। उसके बाद गैंग के सदस्यों को अमौरा तिराहे पर दबोचा गया। गैंग के फरार सरगना के संभावित ठिकानों पर दबिश डाली गई है, लेकिन फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है।